What is India's contribution to mathematics? Vedic Math Project #VM1

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हम जानते हैं, भारत ने सदा विश्व को सदा कुछ न कुछ दिया है | गणित के क्षेत्र में भारत का विश्व में बहुत योगदान रहा है | हम जानते हैं कि ‘0’ विश्व को भारत की देन है जिसका उल्लेख प्राचीनतम उल्लेख चंद्रा शास्त्र में मिलता है जिसे 200 BC में पिंगला ऋषि ने लिखा था |

संस्कृत के महा विद्वान गणिनी द्वारा रचित शास्त्रों में भी ‘0’ के लिए वैज्ञानिक कहत्ते है, कि रोमन व अरब सभ्यताओं ने शून्य के महत्व को भारत से लिया, पहले अरब लोगों ने इसे सीखा, फिर यूरोप को सिखाया | अलबरुनी (Al-Biruni) व अबुल अबुरहमान जिन्होंने 973 A.D.  में भारत की यात्रा की तथा भारतीय ज्ञान को अरब फिर यूरोप तक पहुचाया | Place value system भी भारत की देन है | 3000 B.C. से लेकर 12 A.D. तक गणित के क्षेत्र में भारत ने अमूल्य योगदान दिया | हड़प्पा एवं वैदिक काल में सुलभ सूत्र ज्यामिति (Geometry) तथा Pythagorean theorem ( Baudhyana theorem) का उपयोग triangle , equilateral triangle , right triangle की गणनाओं के काम आत्ती थी | 
बहुत सारे भारतीय गणतज्ञ जैसे Arybhata, Brahmagupta, Mahavira, Bhaskara II ने गणित के क्षेत्र में योगदान दिया | 
भारत में Srinivasa Ramanujan जैसे गणित के विद्वान हुए जिन्होंने ने स्नातक न होते हुए भी Cambridge University में पढ़ाया |  
Aryabhata, mathematician and astronomer in Ancient India.

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Ramkesh Patel

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